Facts About Shodashi Revealed

Wiki Article



In One more depiction of hers, she's demonstrated being a sixteen-yr-outdated young and sweet Woman decorated with jewels by using a stunning shimmer in addition to a crescent moon adorned in excess of her head. She is sitting around the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं

The Sri Chakra is actually a diagram formed from 9 triangles that surround and emit out of your central stage.

The devotion to Goddess Shodashi is often a harmonious mixture of the pursuit of splendor and The search for enlightenment.

लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

Sati was reborn as Parvati on the mountain king Himavat and his wife. There was a rival of gods named Tarakasura who could be slain only by the son Shiva and Parvati.

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से read more दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।

देवीं कुलकलोल्लोलप्रोल्लसन्तीं शिवां पराम् ॥१०॥

It is mostly identified that wisdom and wealth do not stay jointly. But Sadhana of Tripur Sundari gives both and likewise removes disease and also other ailments. He never goes less than poverty and turns into fearless (Shodashi Mahavidya). He enjoys every one of the worldly happiness and receives salvation.

Report this wiki page